Tuesday, December 21, 2010

यार फटीचर तू कितना इमोश्नल है यार

श्री राज भाटिया जी और श्री नीरज जाटजी ने आर्थिक सहयोग देने की बात की है। नीरज जी ने तो कल पर्स ही निकाल लिया, बडी मुश्किल से मैनें उन्हें पर्स को वापिस पॉकेट में रखवाया।  (नीरज जाटजी और पाबला जी से हुई मुलाकात के बारे में अगली पोस्ट कल) मैं आप सबकी भावनाओं की कद्र करता हूँ। मैं खुद बहुत भावुक आदमी हूँ। एक सीरियल आता था बहुत पहले "फटीचर"। उसमें पंकज कपूर का शानदार अभिनय है,  उनका ये डॉयलाग बार-बार याद आता है - "यार फटीचर तू कितना इमोश्नल है यार"। उनकी तरह मैं भी बहुत इमोश्नल हो जाता हूँ। मैं  आप सबकी शुभकामनाओं का इच्छुक हूँ और कृप्या मुझे आर्थिक सहयोग देने की बात ना करें। मैनें कल भी बताया था कि कोई आर्थिक समस्या नही हैं। 
 
इस आयोजन से सामाजिक चेतना में कुछ बदलाव आ जाये यही मंशा है मेरी। रोज-रोज "माता" "श्याम" आदि के जागरण कीर्तन आदि लोग करवाते रहते हैं। पैसा भी बहुत खर्च करते हैं। मैं जागरण करवाने या  मन्दिर बनवाने आदि के लिये चंदा देने का पक्षधर नहीं हूँ। (पहले ही इतने मन्दिर, मस्जिद आदि हैं जिनके झगडे चलते रहते हैं, एक और इमारत खडी करके कौन सा दुनिया का भला हो जायेगा) लोग रात भर ऊंघते हुये बैठे रहते हैं। मैं कहता हूँ तुम इन जागरण आदि पर 5-5, 7-7 लाख रुपया खर्च करते हो। इतने में कम से कम 10 लडकियों की शादी और लडके को रोजगार आदि के लिये मदद क्यों नहीं करते हो? पहला प्रयास है मेरे शहर सांपला में इस प्रकार के आयोजन का, शायद इस आयोजन से कुछ जागृति आ जाये, यही मेरा लाभ होगा। 

बैनर
 इस आयोजन से कोई  आर्थिक लाभ लेने की मेरी कभी कोई इच्छा नहीं रही है। मैनें केवल उन लोगों को अपने साथ जोडा है, जिन्होंने इस विचार को पसन्द किया और जो उत्साह से मेरे साथ खडे होंगे और व्यवस्था आदि में मदद करेंगे। कुछ लोग चाहते थे कि मैं उनसे सहयोग राशि ले लूं, लेकिन वे उपस्थिति नहीं दे पायेंगे। तो मैनें उनको साफतौर पर मना कर दिया कि भाई आयोजन से जुडना चाहते हो तो केवल पैसे देकर काम नहीं चलेगा। मेरे मंच का सदस्य बनना पडेगा और समय भी देना होगा और काम भी करने होंगे।  चंदा आदि किसी से लिया नहीं है, केवल वही मित्र जिन्होंने इस विचार को दिल से पसन्द किया है और मंच की सदस्यता स्वीकार की है, आपस में खर्चा बांट लेंगे।  वैसे भी बहुत बडा आयोजन नहीं है और खर्च भी ज्यादा नहीं है। इसके अलावा मैने उन एक-दो लोगों को भी जोडा है जो आर्थिक मदद नहीं कर सकते, लेकिन तन और मन से मेरा साथ दे रहे हैं। सबसे पहले श्री यौगेन्द्र मौदगिल जी का धन्यवाद, जिन्होंने इस कार्य के लिये मुझे प्रेरित किया और मुझे इस कार्य के लायक समझा। आप सबने मेरा बहुत हौंसला बढाया है और अपना आशिर्वाद दिया है, मैं आभारी हूँ और उनका भी जिनका नाम इस लिस्ट में नही है और शुभकामनायें देंगे या दिल ही दिल में दे चुके हैं और व्यक्त नहीं कर पाये हैं।

Monday, December 20, 2010

इस आयोजन के बाद क्या?

कवि सम्मेलन का जिम्मा ले तो लिया जी। पता नहीं कैसे सब व्यवस्था हो पायेगी। आर्थिक तो कोई समस्या नहीं है। बस यह आयोजन बिना हो-हुल्लड और हंगामें के शांति से निपट जाये। बस आप सबका आशिर्वाद चाहिये। अभी तक तो सब तैयारियां ठीक ठाक चल रही है। पहला प्रयास है, सफल हो जाये तो अगली बार के लिये हौंसला आ जायेगा और लोग अपने आप जुड जायेंगे।
शुरु में तो बहुत समस्यायें आयी और अजीब-अजीब बातें भी कही काफी लोगों ने थोडा समय मिलने पर पोस्ट में लिखूंगा। अभी भी डर सा लगता है कि पता नहीं गैदरिंग (श्रोताओं की उपस्थिति) हो पायेगी या नही या कहीं ज्यादा ना हो जाये। बस आप सबके आशिर्वाद की सख्त जरुरत है। पता नहीं आयोजन के बाद गालियां मिलेंगी या लोग सराहेंगे इस काम के लिये। चलो जो होगा देखा जायेगा। बाद में पोस्ट लिखूंगा कि लोगों ने कैसे मेरा हौंसला तोडा और किन मित्रों ने मुझे भरोसा दिया और मेरे कंधे पर हाथ रखकर आगे बढने के लिये कहा।

Wednesday, December 15, 2010

श्री यौगेन्द्र मौदगिल जी ने फंसा दिया मुझे

श्री यौगेन्द्र मौदगिल जी ने फंसा दिया मुझे :-) हा-हा-हा, लेकिन मैं खुश हूँ और अपने आपको सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूँ। धन्यवाद यौगेन्द्र जी।  सांपला में हास्य कवि सम्मेलन करवाने जा रहा हूँ। तैयारियों में व्यस्तता के कारण टिप्पणियां भी नहीं कर पा रहा। हालांकि मोबाईल द्वारा आप सबकी पोस्ट पढता जरूर हूँ। जल्द ही आप सबको निमंत्रण पत्र भी दूंगा। फिलहाल पोस्टर से काम चलाईये।


Monday, November 15, 2010

आँख से आँख मिलाओ तो कोई बात बने

"नजरों को हर घडी तेरी ही है जुस्तजू
आँखों की आज आँखों से होने दो गुफ्तगू"
श्री राज भाटिया जी ने जर्मनी से आकर आप सबसे मिलने का कार्यक्रम बनाया है। कुछ मित्र कहते हैं कि कोशिश करेंगें। मेरा उनसे कहना है कि वादा मत कीजिये केवल कोशिश कीजियेगा, क्योंकि 
वायदे टूट जाते हैं अक्सर, कोशिशें कामयाब होती हैं
तारीख - 21 नवम्बर 2010
वार - रविवार 
स्थल -  कॉन्फ्रेंस हॉल, तिलयार टूरिस्ट कॉम्पले्क्स, तिलयार लेक, रोहतक

इसकी जानकारी उन्होंने करीबन एक महिना पहले ही दे दी थी। देखिये निम्न पोस्ट
ब्लॉग मिलन का दिवस  (दिल्ली से रेलगाडियों की सूचि)
रोहतक का राज- मोबाईल पर (कौन-कौन आ रहा है)
ब्लॉगर मिलन तिलयार झील रोहतक में (कौन-कौन आ रहा है और दिल्ली से सडक मार्ग)
श्री राज भाटिया जी के ब्लॉग पराया देश से उद्धरित पंक्तियां - "मैं अकेला ही चला था, जानिबे मंजिल मगर, लोग साथ आते गये, कारवाँ बनता गया" अब हम और आप भी जुड गये हैं उनके कारवाँ से। लेकिन श्री राज भाटिया जी के शब्दों में इस ब्लॉगर मिलन का उद्देश्य केवल आभासी संसार से निकल कर आमने-सामने मिल बैठना है। आईये इस मिलन को सफ़ल बनाये, इस ब्लांग मिलन मे आप सब अमत्रितं हे, बस इस ब्लांग मिलन का असली मकसद सिर्फ़ यही हे कि हम आपस मे मिले, जिन्हे हम टिपण्णियां देते हे, जिन के लेख पढते हे, क्यो ना उन सब से मिले. इस ब्लांग मिलन मे कोई संगठन , युनियन या कोई ओर ऎसी बात नही होगी बस खाना पीना, बाते विचारो का आदान प्रदान ओर आपस मे मिलना जुलना होगा ओर ब्लांगिग से सम्बधित बाते होगी। सो एक बार आप सब से मिलना हो जायेगा इसी बहाने, ओर ब्लागिगं की बातो के अलावा भी ओर बहुत सी बाते होगी, चुटकले होगें, कविता होगी, शेर, बकरी, या कोई गजल या गीत गाना चाहे , कव्वाल भाई कव्वाली,या फ़िर भजन सब को समय मिलेगा.

अब 15 मिनट इस संगीत/कव्वाली का आनन्द लीजिये। मेरा वादा है बहुत मजा आयेगा।


इस पाडकास्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।

Saturday, November 13, 2010

आग दामन में लग जायेगी और रोहतक का राज

श्री राज भाटिया जी आज दिल्ली में हैं और कल सुबह अपने पैतृक घर रोहतक में होंगें। आप सबसे मिलने के लिये श्री राज भाटिया जी ने 21 नवम्बर, रविवार का कार्यक्रम रोहतक में रखा है।  कल की पोस्ट में आपको जगह और पूरा पता बता दिया जायेगा। जो मित्र आज दिल्ली में नुक्कड पर ब्लॉगर मीट करके आ रहे हैं या किसी कारणवश नहीं जा पाये हैं, वो सभी मित्र-बन्धु 21 नवम्बर, रविवार को रोहतक के लिये आरक्षित कर दें। श्री राज भाटिया जी और श्री समीरलाल जी के अलावा आपकी मुलाकात होगी, ब्लॉगजगत की कई नामचीन हस्तियों से श्री दिनेशराय द्विवेदी जी, श्री ताऊ रामपुरिया जी, सुश्री निर्मला कपिला जी, श्री रूपचंन्द्र शास्त्री जी, पी एस पाबला जी, श्री ललित शर्मा जी। बस-बस मैं अभी सबका नाम नहीं बताऊंगा। आपको रोहतक आना ही पडेगा। आप श्री राज भाटिया जी से 09560922699 पर बात कर सकते हैं।

अब आप 10 मिनट मजा लीजिये  इस कव्वाली/नात/संगीत का



इस पाडकास्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।

Monday, November 8, 2010

श्री राधा हमारी गोरी गोरी - भजन

योगीजन जानता ना कहना जिसका प्रभाव
जिसकी कला का पार शारदा ना पाती है
नार नारी ब्रह्मवादियों ने भी ना पाया तट
रिद्धि-सिद्धि शक्तियां भी नित गुण गाती हैं
शंकर समाधि में ढूँढते हैं जिसको
श्रुतियां भी नेति-नेति कहे हार जाती हैं

श्री विनोद अग्रवाल जी का गाया यह भजन करीबन 35 मिनट का है।
इसलिये आप खाली समय में सुनेंगें तो ही इस मधुर संगीत का आनन्द ले पायेंगें।



इस पोस्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है या किसी को आपत्ति है, तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।

Tuesday, October 26, 2010

घर पर भी वादे और बाहर भी सिर्फ वादे...


गर्लफ्रेण्ड - मेरी मम्मी को तुम बहुत पसन्द आये हो।
ब्वायफ्रेण्ड - कुछ भी हो, शादी तो मैं तुमसे ही करुंगा। आंटी को कहो मुझे भूल जाये।
--------------------------------------------------------------------------------
माफिया डॉन की बेटी (फोन पर) - मम्मी, कल मेरी उनसे लडाई हो गयी।
मम्मी - कोई बात नहीं बेटी, हर घर में, मियां-बीवी में झगडे तो होते ही हैं।
बेटी - लेकिन अब लाश का क्या करुं?
--------------------------------------------------------------------------------
एक जंगली आदिवासी क्षेत्र में नये अध्यापक की पोस्टिंग हुई। अध्यापक ने कक्षा से पहला सवाल पूछा - पहले वाले अध्यापक कैसे थे।

कक्षा में सभी एक साथ होंठों पर जीभ फेरते हुये - स्वादिष्ट!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
--------------------------------------------------------------------------------
पांच साल का फत्तू मिठाई की दुकान पर पहुंचा। वहां काउंटर पर एक युवती बैठी हुई थी।
फत्तू -  मैं आपको कैसा लगता हूं? 
सेल्सगर्ल - बहुत प्यारे।
फत्तू -  तो क्या आप मुझसे शादी करेंगी? 
युवती - जरूर 
फत्तू -  तो अभी अपने होने वाले पति को मिठाई नहीं खिलाएंगी?
 --------------------------------------------------------------------------------
भतेरी अपने पति फत्तू से - सुनो जी, इस बार अगर आपको नौकरी नहीं मिली तो मैं आपको छोड़कर मायके चली जाऊंगी।
फत्तू ने दो चार बार ठंडी आहें भरी और बोला - वादे वादे सिर्फ वादे, घर पर भी वादे और बाहर भी सिर्फ वादे...।
 

Wednesday, September 29, 2010

तेरी माँ अच्छे से मीठा खिलायेगी तुझे

पहला सीन

लडका - एक्सयूज मी, क्या आप मुझे एक छोटा सा बाईट देंगी।
लडकी - क्या मैं आपको जानती हूँ।
लडका ना में गर्दन हिलाता है।
लडकी - तो?
लडका - मेरी माँ कहती है, "कोई भी शुभ काम करने से पहले कुछ मीठा खा लेना चाहिये; काम अच्छा होता है।
लडकी थोडा सोचती है और बिना लडके की तरफ देखे अपनी चॉकलेट में से एक टुकडा तोड कर  उसे देती है।
लडकी - वैसे क्या शुभ काम करने जा रहे हो?
लडका - मैं सोच रहा था कि आपको घर छोड दूं।
लडका और लडकी दोनों मुस्कुराते हैं।



दूसरा सीन 

लडकी - पहले तो यह दस रुपये रख और बाल कटा कर आ। बस स्टॉप पर खडा है और मुझे घर छोडने की बात कर रहा है। दाढी-मूँछ तो ढंग से आयी नहीं और चला है मुझे पटाने। एक टुकडा क्या दे दिया, सिर पे ही चढ गया। ऐसा कर तू मुझे अपने ही घर ले चल। तेरी माँ को बताती हूँ, कितने शुभ काम करता है तू। तेरी माँ अच्छे से मीठा खिलायेगी तुझे।

लडका घबरा जाता है - बहन जी माफ कर दीजिये, गलती हो गई।
लडकी - बहन जी किसको बोला, मैं बहनजी दिखती हूँ तुझे।
लडका - प्लीज माफ कर दीजिये, ये देखिये ये मेरे पास एक बडी वाली चॉकलेट है, यह ले लीजिये।
लडकी - ओके, आईन्दा ऐसा नहीं करना, अब निकलो यहां से।

(दूसरा वीडियो जल्द ही दिखाया जायेगा, इन्तजार करें)

क्या आप आज भी किसी शुभ अवसर पर लड्डू से ही मुँह मीठा करते कराते हैं ?

Sunday, September 5, 2010

चप्पलें पहन के खा लिया करो

चिकन खाते हो मछली क्यों नहीं खाते?
उसमें कांटे होते हैं।
चप्पलें पहन के खा लिया करो।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
संता - यार गर्लफ्रेण्ड को गिफ्ट करना है, क्या दूँ?
बंता - हीरे की अंगूठी या कानों के टॉप्स दे दे।
संता - यार कोई ऐसी चीज बता जो सस्ती भी हो और उसने कभी ना पहनी हो।
बंता - तो जेन्टस अंडरवियर दे दे।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
मास्टर जी - कोई रोमांटिक शेर सुनाओ, मेरा मतलब आशिकी वाला
फत्तू - मोटा मरता मोटी पे, भूखा मरता रोटी पे
मास्टर जी की दो बेटी, पर मैं मरता हूँ छोटी पे
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
शराबी - आज तबतक पियूंगा, जब तक वो सामने वाले तीन पेड छह नजर नहीं आने लगेंगें।
वेटर - सर, अब बस कीजिये, वहां पहले से एक ही पेड है।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ग्राहक - कोई ऐसी स्कीम लाओ कि 1000 रुपये की शॉपिंग पर सेक्स फ्री।
सेल्समैन - लो आपको पता ही नहीं, ये स्कीम तो पिछले महिने थी और भाभी जी ने 5000 रुपये की शॉपिंग करके पाँच बार लाभ उठाया।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
संता - फोन पर किससे बात कर रहे हो?
बंता - बहन से
संता - पर इतनी धीमी आवाज में क्यूं?
बंता - तुम्हारी बहन है

Sunday, August 15, 2010

गूगल पे सर्च करो, मिल जाये तो डाऊनलोड कर लेना

संता - मेरे पडोसी का बच्चा गुम हो गया।
बंता - तो तुमने क्या कहा?
संता - मैनें कहा गूगल पे सर्च करो। मिल जाये तो डाऊनलोड कर लेना।
----------------------------------------------------------------------------
ट्रेन में संता अपनी पत्नी से - तेरे साथ शादी करके मेरी जिन्दगी बर्बाद हो गयी। दिल करता है तुझे कुत्ते के आगे डाल दूं।
सामने बैठा एक यात्री - भौं-भौं
----------------------------------------------------------------------------
Santa's son was filling an application form. The form asked about mother tongue.
Son - पापा मैं इत्थे कि लिखां?
Santa - लिख पुत्तर, Very Long & Uncontrolled.
----------------------------------------------------------------------------
भिखारी ने घर के बाहर आवाज लगाई - बाबू जी रोटी दे दीजिये।
घर का मालिक - बीवी घर पर नहीं है।
भिखारी - मैनें रोटी मांगी है, चुम्मी नहीं।
----------------------------------------------------------------------------
सुहागरात पर संता ने बीवी से पूछा - तुमने ब्लू फिल्म देखी है।
दुल्हन - हाँ, कई बार
संता - हम वही करेंगें
दुल्हन - ठीक है, लेकिन और दो बंदे कब आयेंगें।

Sunday, August 8, 2010

आज कुछ गंदे चुटकुले

 प्रेमी (प्रेमिका को फ्रेंच किस करने के बाद) - थैंक्यू बेबी, अपना च्यूईंगम मुझे देने के लिये।
प्रेमिका - ये च्यूईंगम नहीं है माई लव, मुझे कफ की शिकायत चल रही है।
----------------------------------------------------------------------------
सेल्स मैनेजर - पाकिस्तान से 12" साईज के कंडोम का ऑर्डर आया था, क्या माल तैयार है।
प्रॉडक्शन मैनेजर - ये साले हमें जलील करना चाहते हैं। हाँ माल तैयार है और मैनें बॉक्स पे लिखवा दिया है Small Size.
----------------------------------------------------------------------------
पति - जब मैं तुम्हें गुस्सा कर के ऑफिस चला जाता हूँ, तो तुम अपनी भडास कैसे निकालती हो।
पत्नी - मैं आपके टूथब्रश से टॉयलेट साफ करती हूँ।
----------------------------------------------------------------------------
रावण - डॉक्टर मुझे बहुत सालों से लूज मोशन की शिकायत है।
डॉक्टर - ये तो होना ही था, दस इनपुट और एक आउटपुट जो है।
----------------------------------------------------------------------------
संता सडक पर पोटी कर रहा था। पुलिस ने उसे पकड लिया और ले जाने लगे तो
संता चिल्लाया - "ओ कानून के रखवालो, सबूत तो उठा लो"
----------------------------------------------------------------------------

Sunday, June 27, 2010

कितना गंदा सोचती हो तुम

पुलिसवाला - तुमने पपीते बेचने वाली को किस क्यूं किया
सरदारजी -  वो चिल्ला रही सी पपी ते लै लो, पपी ते लै लो
--------------------------------------------------------------------------------
मुन्ना - अबे सर्किट, ये डाक्टर लोग आपरेशन के वक्त मरीज को बेहोश क्यों करते हैं
सर्किट - भाई, बोले तो, अगर पेशेंट आपरेशन करना सीख गया तो डाक्टर लोग की तो वाट लग जायेगी ना
--------------------------------------------------------------------------------
सरदार गलत साईड में ड्राईविंग कर रहा था। और सोच रहा था -
ओह शिट! आज तो बहुत ज्यादा लेट हो गया, सारे लोग वापिस जा रहे हैं।
--------------------------------------------------------------------------------
पत्नी - वो सामने शराबी देख रहे हो, मैनें दस साल पहले उससे शादी करने से मना कर दिया था।
पति - वाह! इतना लम्बा सेलिब्रेशन
--------------------------------------------------------------------------------
लडका - वो कौन सी जगह है जहां हर मर्द और औरत के बाल घुंघराले होते हैं
लडकी - तौबा-तौबा, तुम बहुत गंदे हो
लडका - गंदा तुम सोचती हो, वो जगह है वेस्टईंडीज
--------------------------------------------------------------------------------
यह पोस्ट केवल आपको हंसाने के लिये है। किसी को आपत्ति है तो क्षमायाचना सहित  हटा दी जायेगी।

Wednesday, June 23, 2010

सास ननद मोहे पल-पल कोसें Roop Salona Dekh

"क्या रंगीं जमाल चेहरा आंखों को भा गया है
आंखों के रास्ते वो दिल में समा गया है"

"सखी पनघट पर जमुना के तट पर लेकर पहुंची मटकी
भूल गई एक बार सब जब छवि देखी नटखट की"
इस एल्बम का नाम है श्याम दी कमली

इस प्यारे भजन के गायक श्री विनोद अग्रवाल जी भजन और सूफी गायक के साथ-साथ संत भी हैं। इनके कंठ से निकले गीत मुझे तो झूमने पर मजबूर कर देते हैं। इस एल्बम से दो और भजन छोटी सी दुल्हनियां और ना जी भर के देखा सुन सकते हैं।

यह गीत करीबन 30 मिनट का है। इसलिये आप खाली समय में सुनेंगें तो ही इस मधुर संगीत का आनन्द ले पायेंगें। अंतरे में धुन है, आपकी आंखें स्वत: बंद हों जायेंगीं और आपको अपार आनन्द की अनुभूति होगी।




इस पोस्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है या किसी को आपत्ति है, तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।

Sunday, April 25, 2010

तुम भी ना बस बुरा मान जाते हो

फत्तू एक दिन देर से घर पहुंचा तो उसके पिता रलदू ने पूछा - कहां था?
फत्तू - दोस्त के घर पर
रलदू ने उसके दस दोस्तों को फोन कर-करके पूछा। पांच ने कहा "हां, मेरे साथ था"। यही होते हैं सच्चे दोस्त।
--------------------------------------------------------------------------------
फत्तू चौधरी फोन पे बात कर रहा था।
सत्तू  - किससे बात कर रहे हो।
फत्तू - बीवी से
सत्तू - इतने प्यार से
फत्तू - तुम्हारी है
--------------------------------------------------------------------------------
सुहागरात की अगली सुबह  सहेली ने दुल्हन से पूछा - कैसा रहा, कैसा महसूस हुआ
दुल्हन - बहुत बढिया, कालेज के दिन याद आ गये
--------------------------------------------------------------------------------
मास्टरजी - दुनिया गोल है
फत्तू - लेकिन पिताजी तो कहते हैं कि दुनिया बडी कमीनी है
--------------------------------------------------------------------------------
लडका - आई लव यू
लडकी - बट आई डोन्ट
लडका - वेटर, बिल अलग-अलग लाना
लडकी - आई लव यू-आई लव यू-आई लव यू, तुम भी ना बस बुरा मान जाते हो
--------------------------------------------------------------------------------
लडका - मैं तुम्हारे लिये सब छोड दूंगा
लडकी - मां-बाप
लडका - हां
लडकी - अपने दोस्त
लडका - हां
लडकी - घर-बार
लडका - हां
लडकी - दारू-सिगरेट
लडका - दीदी घर जाओ, आपके पापा परेशान हो रहे होंगें

Sunday, April 4, 2010

बिल्कुल अपने बाप पर गया है

लडकी - मम्मी ये पडोसी का लडका बार-बार मुझे पप्पी (किस) करके भाग जाता है।
मम्मी (मुस्कुरा कर) - बडा शरारती है, बिल्कुल अपने बाप पर गया है।
----------------------------------------------------------------------------
पत्नी विदेश जा रही थी। उसने पति से पूछा - मैं इंग्लैण्ड जा रही हूं, आपके लिए क्या तोहफा लाऊं।
पति - एक ब्रिटिश लडकी
पत्नी विदेश से वापिस आई तो पति ने पूछा - मेरा तोहफा कहां है।
पत्नी - नौ महिने इंतजार करो, मिल जायेगा।
----------------------------------------------------------------------------
संता - आप तो कहते थे कि सुबह-सुबह खेलने से सेहत ठीक रहती है, पर मुझे तो कोई फर्क नही पडा।
डाक्टर - आप कौन सा खेल खेलते हो।
संता - जी मोबाईल में सांप वाला।
-----------------------------------------------------------------------------
शादी के तुरन्त बाद पति के मोबाईल में पत्नी का फोन नंo  My Life सेव था। एक साल बाद  My Wife, तीन साल बाद Home, पांच साल बाद Hitler और दस साल बाद Wrong Number हो गया।
-----------------------------------------------------------------------------
संता जी को चांद पर भेजा जा रहा था। आधे रास्ते में ही संता ने राकेट से नीचे छलांग लगा दी और चिल्लाया - धोखा! आज तो अमावस्या है, चांद तो होगा ही नहीं।
-----------------------------------------------------------------------------
पति - आज तक किस-किस के साथ सोयी हो सच-सच बताना।
पत्नि - आपकी कसम केवल आपके साथ ही सोयी हूं, बाकियों ने तो सोने ही नही दिया।

Thursday, March 4, 2010

यह शिक्षा पद्धति बढिया है


एक ईमेल जिसे आपके साथ बांटने का मन किया

A Professor at one of the IIM's ( INDIA )
was explaining marketing concepts to the Students:-

1           You see a gorgeous girl at a party. You go up to her and say:
             "I am very rich. Marry me!" - That's Direct Marketing

2          You're at a party with a bunch of friends and see a gorgeous girl.
             One of your friends goes up to her and pointing at you says:
             "He's very rich. Marry him." - That's Advertising

3          You see a gorgeous girl at a party. You go up to her and get her
             telephone number. The next day, you call and say:
             "Hi, I'm very rich. Marry me." - That's Telemarketing

4         You're at a party and see gorgeous girl. You get up and
           straighten your tie, you walk up to her and pour her a drink,
           you open the door (of the car)for her, pick up her bag after she drops it,
           offer her ride and then say: By the way, I'm rich. Will you marry me?" –
           That's Public Relations

5         You're at a party and see gorgeous girl. She walks up to you and says:
           You are very rich! Can you marry ! me?" - That's Brand Recognition

6       You see a gorgeous girl at a party. You go up to her and say:
         I am very rich. Marry me!" She gives you a nice hard slap on
         your face. - That's Customer Feedback

7       You see a gorgeous girl at a party. You go up to her and say:
        "I am very rich. Marry me!" And she introduces you to her
         husband. - That's demand and supply gap

8       You see a gorgeous girl at a party. You go up to her and before
         you say anything, another person come and tell her: "I'm rich. Will you
         marry me?" and she goes with him - That's competition eating into your market share

9        You see a gorgeous girl at a party. You go up to her and before
          you say: "I'm rich, Marry me!" your wife arrives. –
         That's restriction for entering new markets  

Saturday, January 16, 2010

छोटी सी दुल्हनियां तेरे अंगना में डोलेगी Radhika Gori Se

श्याम दी कमली नामक एल्बम से मैनें आपको एक गीत (भजन) ना जी भर के देखा सुनवाया था। आज भी इसी एल्बम से इस खूबसूरत भजन  के गायक श्री विनोद अग्रवाल जी  भजन और सूफी गायक के साथ-साथ संत भी हैं। इनके कंठ से निकले गीत श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देते हैं।
यह गीत करीबन 15 मिनट का है। इसलिये आप खाली समय में सुनेंगें तो ही इस मधुर संगीत का आनन्द ले पायेंगें। Radhika Gori Se


इस पोस्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है या किसी को आपत्ति है, तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।

Thursday, January 14, 2010

राज जी इनका फिसलना भी देखिये


राज भाटिया जी दो दिन पहले फिसल ही गये….…इस उम्र में। राज जी बडे जिन्दादिल आदमी हैं। उन्होंनें इस घटना को भी मजेदार बना दिया और चोटिल होने पर भी हम लोगों से गपशप लगाते रहे। और यह गंभीर वाक्या भी रोमांटिक सा हो उठा था। वाकई राज जी हर पल को एंज्वाय करते हैं। आशा है कि अब एकदम स्वस्थ होंगें।  तो आज आप लोग भी हर उम्र के लोगों के फिसलने को एंज्वाय कीजिये और अपना फिसलना याद कीजिये।