फत्तू एक दिन देर से घर पहुंचा तो उसके पिता रलदू ने पूछा - कहां था?
फत्तू - दोस्त के घर पर
रलदू ने उसके दस दोस्तों को फोन कर-करके पूछा। पांच ने कहा "हां, मेरे साथ था"। यही होते हैं सच्चे दोस्त।
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फत्तू चौधरी फोन पे बात कर रहा था।
सत्तू - किससे बात कर रहे हो।
फत्तू - बीवी से
सत्तू - इतने प्यार से
फत्तू - तुम्हारी है
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सुहागरात की अगली सुबह सहेली ने दुल्हन से पूछा - कैसा रहा, कैसा महसूस हुआ
दुल्हन - बहुत बढिया, कालेज के दिन याद आ गये
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मास्टरजी - दुनिया गोल है
फत्तू - लेकिन पिताजी तो कहते हैं कि दुनिया बडी कमीनी है
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लडका - आई लव यू
लडकी - बट आई डोन्ट
लडका - वेटर, बिल अलग-अलग लाना
लडकी - आई लव यू-आई लव यू-आई लव यू, तुम भी ना बस बुरा मान जाते हो
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लडका - मैं तुम्हारे लिये सब छोड दूंगा
लडकी - मां-बाप
लडका - हां
लडकी - अपने दोस्त
लडका - हां
लडकी - घर-बार
लडका - हां
लडकी - दारू-सिगरेट
लडका - दीदी घर जाओ, आपके पापा परेशान हो रहे होंगें
लडका - दीदी घर जाओ, आपके पापा परेशान हो रहे होंगें
ReplyDeleteहा हा हा ...अच्छा है .... चुलबुले और गुदगुदाने वाले चुटकुले अच्छे लगे ... निरंतरता बनाए रखें ..... बधाई
मस्त लगे...
ReplyDeleteबहुत सुंदर जी...सही बताई सच्चे दोस्तो की पहचान
ReplyDeleteहा हा हा सिगरेट दारू की कुर्बानी से अच्छा है कि फ़ट से दीदी बना लिया जाए
ReplyDeleteबहुत सही.:)
ReplyDeleteरामराम.
सभी एक से बढ़कर एक!
ReplyDeleteदारू-सिगरेट भी क्या कोई छोड़ने की चीज है? :-)
:) :) :)
ReplyDeleteवाह ! एक से बढ़कर एक हैं !
ReplyDeleteशुभकामनायें
@ Lalit Sharma Ji
ReplyDeleteOur door is always open for finest people in the world.
आदरणीय ललित जी आपसे मिलकर बहुत खुशी हो्गी, जल्द बतायें कब आ रहे हैं जी
@ नीरज भाई
तन्नै तो घरवाली को बताने से भी पहलां बताऊंगा
@ आदरणीय अवधिया जी
इन जन्नती सुखों के लिये तो लोग अपने घर के घर उजाड देते हैं :-)
हा हा हा हा हा...जोक पढ़ते पढ़ते मुझे भी कालेज के दिन याद आगये...
ReplyDeleteनीरज
मजेदार चुटकुले, नये-नये से।
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDelete--------
गुफा में रहते हैं आज भी इंसान।
ए0एम0यू0 तक पहुंची ब्लॉगिंग की धमक।
WAH......WAH......
ReplyDeleteMAZEDAR