Tuesday, March 20, 2018

कवि सम्मेलन की बातें

2013 की बात है..चौथे कवि सम्मेलन का आयोजन किया था। अब तो थियेटर में आयोजन होता है, उस समय बडे पंडाल में किया करते थे...सबके लिये खुला...कोई पास वगैरा नहीं...(अब भी नहीं है) कोई भी आये-जाये.....सम्मेलन चलता रहता था .......कडकडाते दिसम्बर में भी रात डेढ-दो बजे तक........

तो अनामिका अम्बर की पारी आई......पढने के लिये खडी ही हुई थी कि .... कुछ कोलाहल सा हुआ। मंच के पीछे कुछ झगडे और गाली गलौज की आवाजें आने लगी। अच्छा..ऐसे खुले कार्यक्रमों में ये डर रहता है कि कोई भी एक-आध दबंग या अवांछित या अनिच्छुक सा या मद मदिरा या गैंग की ताकत के नशे में आकर 500 लोगों का मजा किरकिरा कर सकता है। मंच के बांई तरफ़ कोने में भी एक-दो लोग खडे किसी को गालीयां-धमकियां दे रहे थे। मेरी हवा गुल या कहें टाइट हो गयी ....... एक तो भीरु प्रवृति का मैं...लडाई झगडे-फसाद से दूर रहने वाला...दूसरा कार्यक्रम का आयोजक/संयोजक भी....... क्रोध, भय, निराशा कई भाव आ-जा रहे थे। अनामिका और अरूण जैमिनी के साथ एक और कवि को सुनना बाकी था। सभी मेरे पसन्दीदा........लगा कार्यक्रम को यहीं विराम लगाना पड सकता है। डरते हुये इशारों से उन्हें समझाया ....हाथ भी जोडे...पर अगला माने ही ना.......... खैर संस्था के एक सदस्य मित्र आगे आये उन्होंने उसे कंधे पर उठाया ... गाडी में डाला और कहीं दूर आराम करने के लिये छोड आये। सम्मेलन सुचारू रुप से चला और ऊंचाईयों पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ।

अब असली बात......2014 में फिर से कार्यक्रम की तिथि आ रही थी.......मुझे पिछले वर्ष के अनुभव से घबराहट होने लगी ......इस बार फिर से वैसा ही व्यवधान हुआ तो......अच्छा एक बात और .. हम राजनैतिक लोगों को मंच पर आमंत्रित नहीं करते हैं। समाजसेवी, प्रशासनिक अधिकारी और चिकित्सा या अध्यापन से जुडे कवि हृदय सज्जनों को ही अतिथि के तौर पर बुलाते रहे हैं। तो भाई घबराहट बढती जा रही थी.....फिर सुझाव आया कि अपने क्षेत्र के किसी पावरफुल और दबंग को ही मुख्यातिथि बना दो...........वाह, बात जंच गई। 

नगरपालिका के चेयरमैन साहब को न्यौता गया......पावरफुल भी..दबंग भी और जनता की सपोर्ट भी...... साहब आये.......कार्यक्रम शानदार रहा........बिना किसी व्यवधान के...........एक-आध कोई पप्पू-टिप्पू आया भी होगा तो चेयरमैन को देखकर निकल गया होगा कि उनका बाप बैठा है.........सामने मुख्यातिथि के तौर पर.........थोडी भी चूं-चपड की तो पूरा हाथ डाल देगा.........हलक में.....समझ गये ना।