Saturday, January 16, 2010

छोटी सी दुल्हनियां तेरे अंगना में डोलेगी Radhika Gori Se

श्याम दी कमली नामक एल्बम से मैनें आपको एक गीत (भजन) ना जी भर के देखा सुनवाया था। आज भी इसी एल्बम से इस खूबसूरत भजन  के गायक श्री विनोद अग्रवाल जी  भजन और सूफी गायक के साथ-साथ संत भी हैं। इनके कंठ से निकले गीत श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देते हैं।
यह गीत करीबन 15 मिनट का है। इसलिये आप खाली समय में सुनेंगें तो ही इस मधुर संगीत का आनन्द ले पायेंगें। Radhika Gori Se


इस पोस्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है या किसी को आपत्ति है, तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।

Thursday, January 14, 2010

राज जी इनका फिसलना भी देखिये


राज भाटिया जी दो दिन पहले फिसल ही गये….…इस उम्र में। राज जी बडे जिन्दादिल आदमी हैं। उन्होंनें इस घटना को भी मजेदार बना दिया और चोटिल होने पर भी हम लोगों से गपशप लगाते रहे। और यह गंभीर वाक्या भी रोमांटिक सा हो उठा था। वाकई राज जी हर पल को एंज्वाय करते हैं। आशा है कि अब एकदम स्वस्थ होंगें।  तो आज आप लोग भी हर उम्र के लोगों के फिसलने को एंज्वाय कीजिये और अपना फिसलना याद कीजिये।