Thursday, January 13, 2011

मुर्गी, अण्डा, आमलेट : यौगेन्द्र मौदगिल जी

6 comments:

  1. यहां भी मस्त जी, अभी अभी इस से अगले वाल सुन कर आया हूम अब इसे सुनते हे, धन्यवाद

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  2. बहुत बढ़िया...

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  3. किस बात का गुनाहगार हूँ मैं....
    नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
    धन्यवाद

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  4. कविता अच्छी है पर आवाज़ की गुणवत्ता अच्छी नहीं है. बहुत ध्यान से सुनना पड़ा.

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धन्यवाद