Monday, December 20, 2010

इस आयोजन के बाद क्या?

कवि सम्मेलन का जिम्मा ले तो लिया जी। पता नहीं कैसे सब व्यवस्था हो पायेगी। आर्थिक तो कोई समस्या नहीं है। बस यह आयोजन बिना हो-हुल्लड और हंगामें के शांति से निपट जाये। बस आप सबका आशिर्वाद चाहिये। अभी तक तो सब तैयारियां ठीक ठाक चल रही है। पहला प्रयास है, सफल हो जाये तो अगली बार के लिये हौंसला आ जायेगा और लोग अपने आप जुड जायेंगे।
शुरु में तो बहुत समस्यायें आयी और अजीब-अजीब बातें भी कही काफी लोगों ने थोडा समय मिलने पर पोस्ट में लिखूंगा। अभी भी डर सा लगता है कि पता नहीं गैदरिंग (श्रोताओं की उपस्थिति) हो पायेगी या नही या कहीं ज्यादा ना हो जाये। बस आप सबके आशिर्वाद की सख्त जरुरत है। पता नहीं आयोजन के बाद गालियां मिलेंगी या लोग सराहेंगे इस काम के लिये। चलो जो होगा देखा जायेगा। बाद में पोस्ट लिखूंगा कि लोगों ने कैसे मेरा हौंसला तोडा और किन मित्रों ने मुझे भरोसा दिया और मेरे कंधे पर हाथ रखकर आगे बढने के लिये कहा।

2 comments:

  1. प्रिय अमित, मित्रों की शुभकामनायें हमेशा साथ समझना।
    निश्चित रूप से आयोजन सफ़ल होगा।
    राम राम।

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  2. सफल रहोगे ...शुभकामनायें !!

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